उतरौला(बलरामपुर) जनपद के उतरौला तहसील अन्तर्गत
मोहल्ला आर्यनगर में स्तिथ भगवान शिव का प्रसिद्ध दुख
हरण नाथ मंदिर व एक पोखरा बना हुआ है जो कि लगभग
92 सालो से धार्मिक आस्था के प्रतीक के रूप में जाना
जाता है और हिन्दू मुस्लिम एकता का एक जीता जागता
मिशाल भी है। जहाँ आज भी हिन्दू और मुस्लिम समुदाय
के लोग अपनी मन्नतो को मानते है और पूरा होने पर सच्चे
मन से भगवान शिव का दर्शन करने आते है। तथा दुख
हरण नाथ मंदिर और पोखरे का निर्माण सन 1982 के
करीब उतरौला के राजा मुमताज अली खां ने करवाया था।
जो कि आज भी विद्यमान है वही 92 सालो से उतरौला के
हिन्दू व मुस्लिम समुदाय के लोगो की आस्था इस मंदिर
और पोखरे से जुड़ी है साथ ही मंदिर परिसर में बने पोखरे
की मान्यता के अनुसार लोग वहां स्नान ध्यान पूजा आदि
करते है तथा साथ ही साथ छठ पूजा के दिन महिलाएं
पोखरे में स्नान ध्यान कर पूजा पाठ करती है। परंतु पिछले
2 महीने से मोहल्ला आर्यनगर पोखरे के बगल से गये
नगरपालिका की नाली टूटी है और उसका सारा गंदा पानी
और नाली का कचरा पोखरे में जाकर पोखरे की पवित्र
जल को दूषित कर रहा है। जिससे पोखरे का जल पूर्ण
रूप से गंदा हो गया है वही पोखरे के जल में रहने वाले
जीवो की मृत्यु हो रही है जिससे सभी हिन्दू जनमानस काफी आहत व आक्रोशित हैं व पोखरे का पानी भी नहाने
लायक़ नही रहा वही आगामी 20 नवम्बर को हिन्दू मान्यता
के अनुसार छठ पूजन के दिन नगर की महिलाएं पोखरे के
पवित्र जल से स्नान कर छठ पूजा करेंगी। ज्ञापन में हिन्दू
आस्थाओं को ध्यान में रखते हुए यथाशीघ्र दुखहरण नाथ
मंदिर के पोखरे के पास के टूटे नाली का मरम्मत करवाकर
पोखरे के पानी को साफ कराने की मांग उपजिलाधिकारी
अरुण कुमार गौड़ से की गई। इस दौरान हिन्दू युवा वाहिनी
उतरौला के तहसील प्रभारी दीपक चौधरी, नगर महामंत्री
विनीश गुप्ता,नगर वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम प्रकाश गुप्ता, नगर
संगठन महामंत्री अजय पटवा, नगर उपाध्यक्ष प्रहलाद
सोनी, नगर मीडिया प्रभारी प्रखर गुप्ता,मारुति नन्दन गुप्ता
आदि उपस्थिति रहे।