Utraula Balrampur सादगी एवं गमजदा माहौल में मनाया गया चेहल्लुम का त्यौहार

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उतरौला(बलरामपुर) कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए
बरती जा रही सतर्कता के कारण इस बार चेहल्लुम के
अवसर पर किसी प्रकार के जुलूस निकालने की इजाजत
थी। बड़े ही सादगी एवं गमजदा माहौल में चेहल्लुम का
त्यौहार मनाया गया। बुधवार शाम सुन्नी एवं शिया समुदाय
के लोगों ने अपने घरों या आंगन में बने इमाम चौक पर
ताजिया, आलम रखने के बाद नियाज फातिहा का
सिलसिला शुरू हुआ। इमाम बाड़े में मजलिस का
आयोजन कर कर्बला के मैदान में शहीद हुए हजरत इमाम
हुसैन, हसन, व उनके 72 साथियों को याद कर लोगों ने
अपने गमों का इजहार करते हुए आंसू बहाया। रातभर
अकीदतमंद कुरान की तिलावत, मजलिस, फातिहा, लंगर
और गरीबों को खाना खिलाते रहे। गुरुवार सुबह इमाम
चौक पर नियाज, फातिहा कराने के बाद ताजिया व अलम
उठाए गए। लोगों ने कर्बला व कब्रिस्तान जाकर अपने
पूर्वजों के लिए दुआ ए मगफिरत कर खिराज ए अकीदत
पेश किया। प्रशासन का सख्त पहरा होने के कारण कर्बला
के बाहर आसपास लगने वाला मेला इस बार नहीं लगा।
कई लोग अपने हाथों में लेकर छोटी ताजिया को दफन
करने कर्बला पहुंचे जिन्हें पुलिसकर्मियों ने तुरंत वापस कर
दिया। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कर्बला के आसपास भारी
संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए थे। महामारी के चलते हजरत इमाम हुसैन का चेहल्लुम इस बार सार्वजनिक
ताजिएदारी, मर्सिया, नोहाख्वानी और मातम के तौर पर न
होकर, सादगी से मनाई गई। सभी लोग अपने-अपने घरों में
ही रहकर चेहल्लुम का पर्व मनाया। कोरोनावायरस के
खातेमें, आपसी भाईचारे, देश की तरक्की और खुशहाली
के लिए दुआ की गई।

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