रेहरा बाजार (बलरामपुर) उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद
संचालित प्राथमिक विद्यालयों के हालात और व्यवस्थाओं
की कहानी किसी से छिपी नहीं है। कहीं पर शिक्षकों की
कमी तो कहीं स्कूल परिसर में फैली गंदगी व्यवस्था को
कटघरे में खड़ी करती है। कहीं विद्यालय में केवल एक
प्रधानाध्यापक ही तैनात हैं तो कहीं पता चलता है कि
बारिश के चलते कमरों में पानी भर जाता है। जिसके
कारण विद्यालय में रखा सामान खराब हो जाता है, तो
कहीं मिड डे मील के लिए लगातार एक ही प्रकार का
भोजन बनाया जाता है तो कहीं विद्यालय में बिजली का
कनेक्शन न होने के कारण उमस भरी गर्मी में ही बच्चो को
पढ़ने के लिए विवश होना पड़ता हैं। कहीं विद्यालय परिसर
में चाहरदीवारी न होने से गंदगी व्याप्त रहता है तो कहीं
शौचालय कई महीनों से खराब एवं बंद पड़े रहते हैं। कहीं
स्कूल परिसर में लगा इंडिया मार्का हैंड पंप खराब रहता है।
जिसके ऊपर अधिकारियों का भी नजर नहीं पढ़ता है।
लेकिन आज हम एक ऐसे विद्यालय के बारे में बताने जा
रहे हैं जो बलरामपुर जनपद के उतरौला तहसील अंतर्गत
शिक्षा क्षेत्र रेहरा बाजार के मददो भीख में पड़ता है। जहां
पर अभिभावकों एवं अध्यापकों
के सहयोग से विद्यालय
आज जनपद में नहीं पूरे प्रदेश में एक हाईटेक विद्यालय के
रूप में बनकर उभरा है। बता दें कि बलरामपुर जनपद
उत्तर प्रदेश के उन आठ अति महत्वाकांक्षी जनपदों में से
एक है जहां पर सुविधाओं का अभाव बहुत ही है। ऐसे में
मद्दो भीख में बने उच्च प्राथमिक विद्यालय मद्दो भीख जो
मॉडल स्कूल के तौर पर बीते एक वर्ष में जिस तरीके से
अभिभावकों और अध्यापकों के सहयोग से प्रदेश में अपनी
कामयाबी का नजराना पेश कर रहा है। ऐसे में यह
विद्यालय भी जितने भी विद्यालय प्रदेश में संचालित हो रहे
हैं उनके लिए सबक लेने के बराबर है। उन विद्यालयों के
प्रधानाध्यापकों को इस विद्यालय से सीख लेनी चाहिए।
विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक आत्माराम पाठक ने
बताया 5 सितंबर 2019 को मेरनियुक्ति प्राथमिक विद्यालय
मददो भीख में हुआ था। जब मैं यहां पर आया उस समय
विद्यालय के हालात बहुत ही जर्जर थे। बच्चों के बैठने के
लिए ना तो फर्नीचर था और ना ही विद्यालय में छात्रों की
उपस्थिति ही ठीक ठाक थी। लेकिन जब से मैंने इस
विद्यालय का प्रभार संभाला है तब से लेकर आज तक मैं
इस विद्यालय के कायाकल्प, विद्यालय को प्रदेश नहीं देश
में एक नंबर पर लाने के लिए निरंतर प्रयास करता चला आ
रहा हूं और उसी का नतीजा
है कि बीते एक साल में ही मेरा
विद्यालय आज पूरे प्रदेश में एक उदाहरण के तौर पर
प्रस्तुत हो रहा है। जो सुविधाएं मेरे विद्यालय में हमारे
अभिभावकों व सहयोगी अध्यापकों के द्वारा प्रदान कियागया वह शायद ही उत्तर प्रदेश कि किसी और प्राथमिक
विद्यालयों में हो। उन्होंने बताया कि जब मेरी नियुक्ति
प्राथमिक विद्यालय मददो भीख में हुई थी उस समय
विद्यालय में छात्र संख्या 110 थी लेकिन जब से मैं इस
विद्यालय में आया हूं तब से मेरे व मेरे सहयोगी अध्यापकों
के द्वारा लगातार कठिन परिश्रम करके बच्चों को लगातार
उनकी पठन-पाठन, रहन सहन व उनको निरंतर आगे ले
जाने के लिए प्रयास किया है। आज उसी का नतीजा है कि
विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के अभिभावकों के
द्वारा विद्यालय में बच्चों के आने के लिए खुद के खर्च से
एक वाहन भेंट किया गया जिसके लिए मेरा विद्यालय
परिवार अपने अभिभावकों का कोटि कोटि आभारी है।
उन्होंने बताया कि जिस दिन से मेरे विद्यालय में बच्चों का
दाखिला होता है उसी दिन से हमारे विद्यालय के सहयोगी
अध्यापक व मैं खुद बच्चे की ऊपर खास नजर रखते हुए
उसे एक महीने के अंदर ही पहले से बेहतर बनाने की
कोशिश करते हैं। उन्होंने बताया कि मैंने
अपने विद्यालय में
मई 2020 को ही दाखिला बंद कर दिया था क्योंकि हमारे
पास छात्रों को बिठाने के लिए पर्याप्त फर्नीचर वह कमरे
नहीं थे। उन्होंने बताया कि हमारे विद्यालय में पढ़ने वाले
छात्रों में से 60% छात्रों के अभिभावक सरकारी नौकरी में
कार्यरत है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बताया कि हमारे
विद्यालय में कोरोना काल से ही लाइव क्लासेस चल रहा
है। जिसके द्वारा लगातार कोरोना महामारी में भी बच्चों के
पठन-पाठन पर विशेष ध्यान दिया गया एवं उनकी
मॉनिटरिंग लाइव क्लासेज के माध्यम से लगातार किया
गया। अब तक हमारे विद्यालय के छात्रों को तीन बार
उनका सिलेबस पूरा करवाया जा चुका है। उन्होंने बताया
कि कोरोना काल में हमने घर घर जाकर बच्चों को उचित
दिशा निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे अभिभावकों
व सहयोगियों की देन है जो हमारा विद्यालय नित नई
कामयाबी को अर्जित कर रहा है। उसी के क्रम में आज
दिनांक 27 अक्टूबर 2020 को विद्यालय में अभिभावकों
एवं शिक्षकों के सहयोग से एक शिक्षण कक्ष बनवाया गया
था जिसका उद्घाटन स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं से
करवाया गया तथा अभिभावकों के निजी खर्च से एक
वाहन भेंट किया गया था जिसको जिला बेसिक शिक्षा
अधिकारी रामचंद्र की उपस्थिति में छात्राओं ने हरी झंडी
दिखाकर रवाना किया। प्राथमिक विद्यालय मददो भीख के
अभिभावकों ने विद्यालय के शिक्षण व्यवस्था व सुविधाओं
में विश्वास दिखाते हुए दूरदराज से छात्रों को आने के लिए
विद्यालय वाहन की व्यवस्था की तथा स्वयं का खर्च
उठाया। इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने
बताया कि वर्तमान में माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में महिलाओं बालिकाओं को जागरूक करने व उन्हें
सम्मानित करने के लिए मिशन शक्ति कार्यक्रम चलाया जा
रहा है। अतः उक्त पुनीत कार्य छात्राओं से करा कर मिशन
शक्ति कार्यक्रम को सफल बनाने का अवसर प्राप्त हुआ है।
इसके लिए उन्होंने विद्यालय के प्रधानाध्यापक,
अभिभावकों व सहयोगी अध्यापकों की कोटि कोटि प्रशंसा
की शुभकामना भी दिया। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जन्म
जिस स्थान पर होता है वह उसका जन्म भूमि होता है तथा
जहां पर काम करता है वह उसकी कर्मभूमि कहलाती है तो
हमें अपनी कर्मभूमि में कुछ ऐसा काम करना चाहिए
जिससे जब हमारा स्थानांतरण किसी दूसरे जनपद या
किसी दूसरे प्रदेश में हो जाए तो हमें रोकने के लिए क्षेत्र के
सभी अभिभावक हाथ जोड़कर खड़े हो जाए कि नहीं
आपको विद्यालय छोड़कर नहीं जाना है। आप हमारे बच्चों
को यहीं पर ही पढ़ाएंगे। तब जाकर हमारा दायित्व
कर्मभूमि के लिए पूरा होता है। उन्होंने कहा कि यह
विद्यालय अब प्रदेश स्तरीय हो गया है। इसमें उत्तम
व्यवस्था है जैसे सभी 402 बच्चों हेतु फर्नीचर, सीसीटीवी
कैमरे, डिजिटल लाइब्रेरी, लैपटॉप, विद्यालय की वेबसाइट,
सॉफ्टवेयर स्कूल सिस्टम डेटाबेस मैनेजमेंट, सुंदर मनोरम
भारत दर्शन पिक्चर गैलरी आदि अनेक सुविधाएं मौजूद हैं। इस अवसर पर उमेश कुमार, तुलसीराम, आनंद कुमार,
यदुपति यादव, महेश यादव, जितेंद्र वर्मा, विजय वर्मा
सहित तमाम अभिभावक व खंड शिक्षा अधिकारी अश्वनी
कुमार गुप्ता, प्रधानाध्यापक आत्माराम पाठक, ए
बीआरसी तुलसीराम, सहायक अध्यापक कविता वर्मा,
बंदना, शुभम शर्मा व शरद कुमार प्रजापति सहित तमाम
लोग उपस्थित रहे।