Sakat Chauth 2021- जानें सकट चौथ के दिन आपके शहर में कब दिखेगा चांद,||sakat chauth ka chand kab niklega

Sakat Chauth 2021, Sankashti Chaturthi, Vrat, Puja Vidhi, Importance, Arghya Vidhi, Shubh Muhurat: संकटों का नाश करने वाले गणेश संकष्टी चतुर्थी व्रत का पर्व रविवार को मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सकट चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही यह व्रत पूरा माना जाता है. इस दिन तिलकूट का प्रसाद बनाकर भगवान गणेश (Lord Ganesh) को भोग लगाया जाता है. इस दिन तिल के लड्डू भी प्रसाद में बनाए जाते हैं. आइये जानते हैं इस पर्व का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…


Sakat Chauth 2021:
Sakat Chauth 2021:


Sakat Chauth  पूजन विधि

गणेश चतुर्थी के दिन पूरे मन से भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने की परंपरा है. इस‍ दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और गणेश भगवान के साथ ही चंद्र देव की पूजा करती हैं. दिनभर निर्जला उपवास रखने के बाद रात में चंद्रमा के दर्शन के साथ ही महिलाएं कुश से अर्घ्य देती हैं. पूजा के दौरान यहां हवनकुंड की परिक्रमा की जाती है और महिलाएं चंद्र देव से अपने बच्चों की सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं. पूजा के दौरान गणेश भगवान का मंत्र- ‘ॐ गं गणपतयै नम:’ बोलते हुए 21 दूर्वा घास अर्पित किया जाता है और भगवान गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग चढ़ाया जाता है. पूजा समापन के साथ ही महिलाएं दूध और शकरकंद खाकर अपना व्रत खोलती हैं


sakat chauth ka chand kab niklega

तो आइए जानते हैं कि किस शहर में चांद को लोग कब देख सकेंगे और अपना व्रत संपन्‍न कर पाएंगे.

पटना- 20:11

भागलपुर- 20:03

गया- 20:12

रांची- 20:12

यूपी-  20:39

वाराणसी- 20:20

लखनऊ- 20:27


गाजियाबाद- 20:40

बरेली- 20:32

प्रयागराज- 20:25

मेरठ- 20:39

मुंबई- 21:07

इंदौर- 20:52

पुणे- 21:04

Sakat Chauth 2021 व्रत का शुभ मुहूर्त:

सकट चौथ व्रत तिथि: जनवरी 31, 2021 (रविवार)

चतुर्थी तिथि का शुभारंभ: 31 जनवरी, 2021 को शाम 20:24 बजे चतुर्थी तिथि लगेगी.

चतुर्थी तिथि का समापन: 01 फरवरी, 2021 को शाम 18:24 बजे चतुर्थी तिथि का समापन.


Sakat Chauth 2021 । सनातन धर्म में प्रथम पूजनीय श्रीगणेश की आराधना करने से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है। भगवान गजानन की आराधना विशेषकर बुधवार और चतुर्थी तिथि को करने का विधान है। इस वर्ष सकट तौथ आज 31 जनवरी को मनाई जाएगी। वैदिक परंपरा के मुताबिक कृष्ण पक्ष को आने वाली चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन श्रीगणेश आराधना करने से विशेष फल प्राप्ति होती है। गौरतलब है कि ऐसी ही एक चतुर्थी तिथि माघ महीने की कृष्ण पक्ष के आती है। माघ मास के कृष्ण पक्ष को आने वाली चतुर्थी तिथि को कई नामों से अलग-अलग इलाकों में जाना जाता है। इस मास की चतुर्थी को माघी चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी, संकटा चौथ, Sakat Chauth और Til Chauth भी कहा जाता है। उत्तर भारत में इस पर्व को विशेष तौर इस पर्व को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश को तिल चढ़ाने का विधान है।

ऐसे रखा जाता सकट चतुर्थी का व्रत

सकट चतुर्थी व्रत को सुहागन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और संतान सुख के लिए व्रत रखती हैं। गौरतलब है कि सकट चतुर्थी व्रत को भी करवाचौथ की तरह निर्जल रखा जाता है। सकट चौथ के व्रत में चांद के दर्शन करने के बाद ही व्रत तोड़ा जाता है। जब आपके शहर में चांद के दर्शन हो जाएं तब व्रत तोड़ने चाहिए।

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