(sadullah Nagar)हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक पर्व दशहरा

 

सादुल्लानगर / बलरामपुर जब-जब होई धरम कै हानि,
बाटै असुर अधम अभिमानी, तब तब प्रभु धरि विविध
शरीरा, हरहों कृपा निधि सज्जन पीरा ‘ अर्थात पृथ्वी पर
जब-जब धर्म की हानि होती है तब-तब रूप बदलकर प्रभु
का अवतरण होता है,भगवान ने स्वयं कहा भी है कि जब
जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है तब तब मैं स्वयं
अवतरित होकर दुष्टो का संहार कर अपने भक्तो की रक्षा
करता हूँ.. . स्थानीय बाजार सादुल्ला नगर मे विजय दशमी
का पावन पर्व सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते
हुए हर्ष और उल्लास के साथ हनुमान गढ़ी चौराहा पर
रामलीला मंचन के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री
राम ने अहंकारी,अत्याचारी रावण का वध करके एक बार
फिर से अधर्म पर धर्म की जीत,असत्य पर सत्य की जीत
की स्थापना की… कोरोना एवं कोविड -19 को देखते हुए
इस बार बाजार में मेले का आयोजन नहीं किया गया इस
अवसर पर बाजार के तमाम संभ्रांत व्यक्ति उपस्थित रहे
इसमें रमेश चंद तिवारी,बहरैची प्रसाद गुप्ता,ज्ञान चंद
सोनी,दीपचंद जयसवाल,जग प्रसाद गुप्ता,दिनेश
गुप्ता,राधेश्याम गुप्ता,प्रेम चंद्र सोनी,जग प्रसाद
गुप्ता,अवधेश कुमार गुप्ता,विष्णु गुप्ता,राम लोटन
गुप्ता,राम बहोर बर्मा,अंटू गुप्ता,संतोष गुप्ता,अमन गुप्ता,
निलेश गुप्ता,जगदीश पटवा,बजरंगी यादव,लवकुश
इलेक्ट्रॉनिक, विनय गुप्ता,सुनील गुप्ता,राम बाबू
मोदनवाल,राहुल गुप्ता, प्रेम चंद गुप्ता,दिव्यांश गुप्ता,मनोज
कनौजिया इत्यादि लोग सम्मिलित हुए.. इस अवसर पर
आदर्श श्री रामलीला समिति एवं केंद्रीय दुर्गा पूजा
समिति,सादुल्लानगर के अध्यक्ष रमेश चंद तिवारी ने सभी
क्षेत्रवासियों एवं बाजार वासियों को विजयदशमी की
शुभकामनाएं प्रेषित की।

सादुल्लानगर (बलरामपुर) आश्विन शुक्ल पक्ष दशमी को
शस्त्र पूजन का विधान है। नौ दिनों की शक्ति उपासना के
बाद दसवें दिन जीवन के हर क्षेत्र में विजय की कामना के
साथ चंद्रिका का स्मरण करते हुए शस्त्रों का पूजन किया
जाता है। विजयादशमी के शुभ अवसर पर शक्तिरूपा दुर्गा,
काली की आराधना के साथ-साथ शस्त्र पूजा की परंपरा
है। शस्त्र पूजन की परंपरा का आयोजन रियासतों में आज
भी बहुत धूमधाम के साथ होता है। शासकीय शस्त्रागारों के
साथ आमजन भी आत्मरक्षार्थ रखे जाने वाले शस्त्रों का
पूजन सर्वत्र विजय की कामना के साथ करते हैं। प्राचीन
काल में राजा विक्रमादित्य ने दशहरे के दिन देवी हरसिद्धि
की आराधना की थी। छत्रपति शिवाजी ने भी इसी दिन मां
दुर्गा को प्रसन्न करके भवानी तलवार प्राप्त की थी।दशहरा
पर्व के चलते हथियारों के पूजन का विशेष महत्व है। इस
दिन हथियारधारी अपने-अपने हथियारों का पूजन करते
हैं। इस पूजा-अर्चना के पूर्व हथियारों की साफ-सफाई
सावधानी से करना ही अक्लमंदी है। इस दौरान जरा-सी
लापरवाही अनहोनी को न्योता दे सकती है। इसी दिन लोग
नया कार्य प्रारंभ करते हैं, शस्त्र-पूजा की जाती है। शस्त्र
पूजन का कार्यक्रम समाज व राष्ट्र के रक्षा व शांति के प्रति
सामूहिक उत्तरदायित्व का बोध कराता है। इसी क्रम में
आज साधुनगर में शस्त्र पूजन का कार्यकम आयोजित किया गया। साधुनगर के रामलीला मंच पर आयोजित आर
एस एस के शस्त्र पूजन कार्यक्रम में मुख्यातिथि महन्त
वीरेंद्र दास ने अपने उद्बोधन में कहा कि शस्त्र शान्ति के
लिए आवश्यक होते हैं। सज्जनों के हाथों में ही शस्त्र शोभ

देते हैं। इसी से समाज व राष्ट्र की रक्षा होती है।वैदिक मंत्रों
के उच्चारण व विधि-विधान से शस्त्रों का पूजन किया गया
और कामना की गई कि हमारे शस्त्र राष्ट्र के कार्य मे
हितकर रहे तथा शस्त्रों से कभी भी कुछ अनिष्ट व
अनैच्छिक कृत्य न हों। मुख्य वक्ता खण्ड चालक रमेश चंद
तिवारी ने शक्ति के महत्व, उसके प्रयोग की सोच व
सामाजिक उत्तरदायित्व को स्पष्ट करते हुए लोगो से
आह्वान किया कि लोग अपने परिवार के बीच भी
आत्मरक्षा के लिए उपलब्ध शस्त्रों के प्रयोग पर चर्चा करें।
संघ बौद्धिक प्रमुख अरविन्द कुमार ने अपने स्कूल जाती
बच्चियों के लिए कटार उपलब्ध कराने का आह्वान किया।
शस्त्र पूजन पंडित नकछेद तिवारी महाराज ने विधि-विधान
से कराया। कार्यक्रम में अखण्ड प्रताप, आनन्द बाबा,
कृष्ण बिहारी तिवारी, बहरैची गुप्ता, दीपचंद जायसवाल,
विष्णु गुप्ता, अरविन्द मिश्र, रमेश चौहान, ज्ञानचंद सोनी,
राम बहोर वर्मा, राम लौटन गुप्ता, बजरंगी उपाध्याय,
नवनीत ओझा, आनन्द ओझा, संदीप गुप्ता, राजेश
विश्वकर्मा, वेद प्रकाश मिश्र, पुष्प राज शुक्ल, पवन यादव, राधेश्याम गुप्ता, पवन गुप्ता, पुरुषोत्तम निषाद, कमलेश
गुप्ता, राजेश विश्वकर्मा, सुमित गुप्ता, गुलाब गुप्ता, आशीष
गुप्ता, रमाकांत गुप्ता, कल्लू गुप्ता, राजन गुप्ता, पप्पू
गुप्ता, दिनेश गुप्ता सहित सैकड़ो सम्मानित क्षेत्र वासी
उपस्थित रहे।

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