Balrampur ma ग्लोबल हैण्ड वाशिंग डे (15 अक्टूबर) पर विशेष

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बलरामपुर 14 अक्टूबर। हमारे हाथों में न जाने कितनी

अनदेखी गंदगी छिपी होती हैं, जो किसी भी वस्तु को छूने,

उसका उपयोग करने और कई तरह के रोजमर्रा के कामों

के कारण होती हैं। यह गंदगी, बगैर हाथ धोए कुछ भी

खाने-पीने से आपके शरीर में पहुँच जाती हैं और कई तरह

की बीमारियों को जन्म देती हैं। कोरोना वायरस से बचाव

के लिए भी हाथों की विशेष तरीके से सफाई पर जोर दिया

गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने

बुधवार को बताया कि हाथ धोने के प्रति लोगों में

जागरूकता बढ़ाने के लिए वैश्विक स्तर पर हर साल 15

अक्टूबर को हैंड वॉशिंग दिवस मनाया जाता है। इस साल

के ग्लोबल हैंडवाशिंग डे की थीम ‘सभी के लिए स्वच्छ

हाथ” निर्धारित की गयी है । इस साल हम सभी ने हाथ की

स्वच्छता के महत्व को बखूबी समझा है। कोरोना संक्रमण

से बचाव के लिए सबसे प्रभावी तरीका ठीक तरह से हाथ

धोना है जिससे संक्रमण का खतरा काफी हद तक काम हो

जाता है। डब्ल्यूएचओ के वैश्विक सुझावों में कोविड-19

महामारी को रोकने और नियंत्रित करने और इसे व्यवहार

में लाने के लिए हाथ की स्वच्छता का लक्ष्य रखा गया।

इसके लिए हाल ही में डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ की

अगुवाई में ‘हैंड हाइजीन फॉर ऑल ग्लोबल इनिशिएटिव’

लांच किया गया। एसीएमओ डा. बी.पी. सिंह ने बताया कि हाथ की स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का ही

एक हिस्सा है क्योंकि सिर्फ साबुन से अच्छी तरह हाथ धुल

लेने से ही कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है,

रोगाणु कई माध्यमों के जरिये से हमारे शरीर में फैलते हैं।

उनमें से एक हमारे हाथ भी बीमारी का एक बड़ा जरिया हैं

जिसकी वजह से सबसे ज्यादा बच्चों में संक्रमण व गंभीर

बीमारियों जैसे डायरिया, वायरल संक्रमण आदि का खतरा

बना रहता है। हम लोग दिनभर में कई प्रकार की चीजों को

छूते हैं। साथ ही भोजन भी हाथ से ही करते हैं। इन्हीं हाथों

से हम अपने मुंह को भी छूते हैं। इसलिये एक व्यक्ति से

दूसरे व्यक्ति में भी यह संक्रमण फैलने का सबसे आसान

तरीका बन जाता है । संक्रमण से बचाव का सही तरीका 6

चरणों में ठीक तरह से हाथ धोना है। यही हमारे बेहतर

स्वास्थ्य की ओर एक अच्छी पहल है। -क्या कहते हैं

आंकड़े द स्टेट ऑफ हैंड वॉशिंग की 2016 की वार्षिक

रिपोर्ट बताती है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्र में 54 प्रतिशत

आबादी शौच जाने के बाद हाथ धोती है, वही सिर्फ 13

प्रतिशत आबादी खाना बनाने से पहले और 27 प्रतिशत

बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोती है। दूसरी

तरफ शहरी क्षेत्र में 94 प्रतिशत लोग शौचालय के बाद

हाथ धोते है, 74 प्रतिशत खाना बनाने से पहले और 79

प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोते है। -हाथ धोना कब-कब है जरूरी घर से बाहर किसी चीज को

छूने के बाद, शौच के बाद, खाना बनाने व खाने से पहले,

मुंह, नाक व आँखों को छूने के बाद, खाँसने व छींकने के

बाद, घर की साफ-सफाई करने के बाद, किसी बीमार

व्यक्ति से मिलकर आने के बाद व पालतू जानवरों से खेलने

के बाद।

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